ग्राम समाज व नील कोठी की Land Occcupation मुक्त कराने की मांग
रबूपुरा। कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम समाज व नील कोठी की Land Occupation रूप से कब्रिस्तान बनने व कब्रिस्तान की भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा कर निर्माण करने के संबंध में एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर उक्त Land Occupation मुक्त कराए जाने की मांग की है।
आरोप है कि पूर्व में भी कई बार यमुना विकास प्राधिकरण व संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से संबंध उपरोक्त में शिकायत की जा चुकी है परंतु आरोपियों से मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे शिकायती पत्र के मुताबिक गांव शाहपुर-निलोनी निवासी राजेश, जुगल किशोर, देवराज, सुंदरपाल, नरेश, ललित, विपिन, देवराज, मुकेश, जय भगवान, रमेश, अशोक, राहुल आदि ग्रामीणों का आरोप है कि गांव स्थित नील की कोठी की भूमि दस्तावेज में अंकित है तथा उसी के समीप कब्रिस्तान की भूमि भी अंकित है। नील की कोठी की भूमि पर तत्कालीन प्रधान द्वारा दलितों को पट्टे आवंटित कर दिए गए थे।
लेकिन गांव के ही भूमाफिया प्रवृत्ति के व्यक्तियों ने पट्टा धारकों को कब्जा नहीं लेने दिया और कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध निर्माण कर अपने मकान बना लिए। तदुपरांत उक्त ने यमुना विकास प्राधिकरण व तहसील प्रशासन के कुछ अधिकारियों से मिलीभगत कर दलितों के पट्टे निरस्त करा कर नील कोठी व ग्राम समाज की भूमि पर अवैध रूप से कब्रिस्तान का निर्माण कर दिया गया। आरोप है कि समूचे मामले की शिकायत संबंधित अधिकारों से की गई लेकिन आरोपियों से साठ गांठ के चलते मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
हताश होकर ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों को नामजद कर मामले में से संबंधित संपूर्ण साक्ष्य सहित मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही एवं नील की कोठी व कब्रिस्तान की Land Occupation मुक्त करने की मांग की है।
(Land Occcupation) महासभा की बैठक में किसानों की समस्याओं पर चर्चा:
रबूपुरा (Land Occupation)। किसानों व स्थानीय समस्याओं को लेकर भाकियू महासभा ने सोमवार को गांव निलोनी-मिर्जापुर में बैठक का आयोजन किया। समस्याओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा के बाद संगठन का विस्तार किया गया तथा लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष गीता भाटी ने कहा कि एक तरफ किसानों को सुविधाएं मुहैया कराए जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है तो वहीं कुछ अधिकारियों द्वारा दमनकारी नीति अपनाते हुए किसान, मजदूर व आमजन का शोषण किया जा रहा है।
दैनिक दिनचर्या के लिए आमजन को नित्य सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, यातायात आदि मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ता है। किसानों के शोषण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा समाधान नहीं होने पर आंदोलन करेंगे। इसी क्रम में संगठन का विस्तार करते हुए रौबी जिला उपाध्यक्ष, वहीद ग्राम अध्यक्ष, राशिद ग्राम सचिव तथा अवधेश शर्मा को वरिष्ठ अध्यक्ष नियुक्त किया और दर्जनों लोगों ने संगठन की सदस्यता ली।
ग्रामीणों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पगड़ी पहनकर स्वागत किया। बैठक की अध्यक्षता सकूर खान व संचालन मुजाहिद एडवोकेट ने किया। बैठक में मिथिलेश सिंह, लोकेंद्र सिंह, दीपक ठाकुर, सादिक खां, बिजेंदर कसाना, लीलू प्रधान, पप्पू सिंह, सुल्तान, रोहित, साजिद, अंसार आदि मौजूद रहे।
ग्राम समाज व नील कोठी की भूमि पर कब्जे का प्रभाव
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
अवैध कब्जे का सबसे बड़ा नुकसान है कि किसानों का जीवन संकट में पड़ जाता है। जब जमीन हड़प ली जाती है, तो उनके पास खेती करने का कोई विकल्प नहीं रहता। इससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है। छोटे किसानों को सरकारी मदद भी मिलना बंद हो जाता है। इस विवाद के कारण समाज में टकराव भी बढ़ता है। कभी-कभी तो विस्थापन यानी गांव छोड़ने की नौबत आ जाती है।
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ग्राम समाज व नील कोठी की भूमि कब्जा मुक्त कराने की मांग
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