दिल्लीवासियों के लिए अब मैट्रो सेवाएं लाइफ लाइन बन चुकी है।
यातायात के जाम के से निजात दिलाने के साथ ही यात्रियों को समयबद्ध पण्राली का अनुपालन करने के
साथ ही गंतव्य तक आरामदायक आवागमन सुगम किया है। लोगों को समय के महत्व को मैट्रो सेवा ने
समझाया है। उनकी दिनचर्या का हिस्सा भी है।
मैट्रो के प्रति लोगों का भरोसा शतप्रतिशत बढ़ा है। यह
विचार डीएमआरसी के महानिदेशक विकास कुमार ने कही। वे यहां द्वारका स्थित बाल भारती पब्लिक
स्कूल (बीबीपीएस) ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम की सहभागिता से मेट्रो के 6 पिलरों पर भित्तिचित्र सतत्
विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर आधारित नैतिक मूल्यों का चितण्रकरने पर आयोजित समारोह में बोल रहे
थे। खास यह है कि इस नैतिक कार्य को विशेष आवश्यकता श्रेणी वाले छात्रों (सीडब्ल्यूएसएन) द्वारा
चित्रित किया गया है।
बीबीपीएस का यह प्रकृति, मानवता के प्रति सहभागिता मील का पत्थर साबित
होगी। मेट्रो स्तंभों को नैतिक कार्य से सजाकर एकजुटता स्थायित्व तथा समानता के प्रति अपनी
प्रतिबद्धता को दर्शाया है। चाइल्ड एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष निखिल चन्ना, स्कूल की प्रधानाचार्य
सुरुचि गांधी, चाइल्ड एजुकेशन सोसायटी के संयुक्त सचिव एलवी सहगल, मेट्रो रेल निगम के कार्यकारी
निदेशक अनुज दयाल, महानिदेशक परिचालन प्रवीण कुमार पाठक,
अतिरिक्त महानिदेशक (सिविल)
चंदीप सिंह, संयुक्त महानिदेशक (परिचालन) ऋषि राज के अलावा बच्चे मौजूद रहे। पिलर संख्या 323,
324, 325, 991, 992, 993 पर स्कूल के बच्चों ने नैतिक चितण्रकिया है। इस मौके पर बच्चों ने
रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसमें विद्यार्थियों ने कलात्मक प्रस्तुतिया दिन तथा भाया रंगारंग
सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत तथा समृद्ध विभिन्नता को
दर्शाया गया, जिसे देख वहां उपस्थित सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। स्कूल की प्रधानाचार्य सुरुचि गांधी ने
कहा कि हम दिल्ली मेट्रो रेल निगम जैसी प्रतिष्ठित संस्था के साथ मिलकर अपने देश के सामाजिक एवं
सार्वजनिक दायित्वों को निभाने के आधारभूज मूल्यों के सिद्धांतों को आगे बढ़ा पा रहे हैं।