दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन
निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने संबंधी तीन समन को नजरंदाज करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल को एजेंसी ने तीन माह से भी कम समय में चौथी बार समन जारी कर 18 जनवरी को
पूछताछ के लिए बुलाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक केजरीवाल (55) ने राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों
का हवाला देते हुए तीन जनवरी को तीसरी बार ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने समन पर कानूनी ‘आपत्तियों’ का हवाला देते हुए और एजेंसी पर ‘न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद’
की भूमिका निभाने का आरोप लगाते हुए ईडी की कार्रवाई के पीछे के मकसद पर भी सवाल उठाया था।
ईडी ने नया नोटिस जारी करके केजरीवाल की इस दलील को फिर से खारिज कर दिया है कि उन्हें जारी
किए गए समन ‘कानून सम्मत नहीं थे’ और इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए।
आप ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में केजरीवाल को प्रचार से
रोकने के लिए ईडी का ‘दुरुपयोग’ कर रही है। आप ने चौथी बार समन जारी करने के समय का मुद्दाउठाया है और कहा है कि केजरीवाल 18 जनवरी से गोवा जाने वाले हैं, जहां वह पार्टी नेताओं एवंकार्यकर्ताओं से बातचीत करने वाले हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल इस बार ईडी के सामने पेश होंगे, आप नेता एवं दिल्ली के मंत्री
गोपाल राय ने कहा कि वे कानूनी सलाहकारों से परामर्श कर रहे हैं और उसके अनुसार कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा, ”यह समझ से परे है…लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 18 से 20 जनवरी तक दिल्ली के
मुख्यमंत्री के गोवा दौरे की घोषणा कल की गई थी और अब ईडी के नोटिस के बारे में खबर आई है।
एजेंसी (अभी) चुपचाप बैठी थी और जैसे ही मुख्यमंत्री के दौरे की घोषणा की गई, इसने नोटिस भेज
दिया।”
भाजपा की दिल्ली इकाई ने आरोप लगाया कि केजरीवाल एक ‘भगोड़े’ की तरह काम कर रहे हैं और
उनकी पार्टी संबंधित मामले की ईडी की जांच को ‘राजनीतिक रंग’ दे रही है। आप के के दो नेता- पूर्व
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह- जेल में हैं। विभिन्न अदालतों ने कई
बार उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
आप की गोवा इकाई के प्रमुख अमित पालेकर के अनुसार केजरीवाल पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के
साथ बातचीत करने के लिए 19 जनवरी से 20 जनवरी तक गोवा में रहने वाले हैं।
केजरीवाल तीन जनवरी को तीसरी बार ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। मुख्यमंत्री को पिछले वर्ष दो
नवंबर और 21 दिसंबर, 2023 को भी पेश होने के लिए कहा गया था।
नया नोटिस जारी कर ईडी ने केजरीवाल की इस दलील को एक बार फिर खारिज कर दिया है कि उन्हें
जारी किए गए समन ”कानून के अनुरूप नहीं थे” और इसलिए इन्हें वापस लिया जाना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक एजेंसी का मानना है कि केजरीवाल को भेजे गए समन ”धन शोधन निवारण
अधिनियम (पीएमएलए) की प्रक्रियाओं और कानून के दायरे में” थे।
मामले में ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी
ने कहा है कि आरोपी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की तैयारी के संबंध में उनके संपर्क में थे। इस
नीति को अब समाप्त कर दिया गया है।
ईडी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया था कि आप ने अपने गोवा चुनाव अभियान में लगभग 45 करोड़
रुपये की ”आपराधिक आय” का इस्तेमाल किया था।
माना जा रहा है कि ईडी इस मामले में एक नया पूरक आरोप पत्र दायर करेगी और आप को आबकारी
नीति के माध्यम से उत्पन्न कथित रिश्वत के ”लाभार्थी” के रूप में आरोपित कर सकती है।
आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति
में घोर खामियां थीं और इसके जरिए कुछ डीलर का पक्ष लिया गया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए
रिश्वत दी थी। आप ने इन आरोपों का बार-बार खंडन किया है।
बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई (केंद्रीय
अन्वेषण ब्यूरो) जांच की सिफारिश की जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।