Delhi राष्ट्रीय राजधानी स्थित जामा मस्जिद पर इन दिनों रमज़ान कीरौनक है और न केवल दिल्लीवाले बल्कि दूर दराज के इलाकों से सैंकड़ों लोग रोजाना शाम को यहांइफ़्तार के लिए पहुंच रहे हैंउत्तर प्रदेश में कैराना के रहने वाले मोहम्मद सद्दाम की हाल में शादी हुई है और वह अपनी पत्नीकी ख्वाहिश पूरी करने के लिए अपने घर से करीब 110 किलोमीटर दूर दिल्ली की जामा मस्जिद मेंउन्हें इफ़्तार (व्रत खोलना) कराने के लिए लाए हैं।सद्दाम का कहना था कि उन्होंने ऐतिहासिक जामा मस्जिद में पत्नी के साथ इफ़्तार करने की बातघर में किसी को नहीं बताई है।

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यहां इफ़्तार करने की ख्वाहिश के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा किमस्जिद में रोज़ेदारों की काफी रौनक रहती है और लोग मिल बांटकर इफ़्तार करते हैं।17वीं सदी की इस मुगलकालीन मस्जिद की क्षमता करीब पच्चीस हजार की है और इफ़्तार के वक्तयहां पैर रखने की भी जगह नहीं होती। इफ़्तार के लिए लोग शाम पांच बजे से ही मस्जिद पहुंचनेलगते हैं ताकि जगह मिलने में दिक्कत न हो। दिल्ली के सीमापुरी, नांगलोई, ओखला, तुगलकाबाद,महरौली यहां तक की नोएडा और गाजियाबाद तक से लोग जामा मस्जिद इफ़्तार करने पहुंचते हैं।
उत्तर प्रदेश के संभल के रहने वाले और यहां नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे मोहम्मद अलतमश पहलीबार इफ़्तार करने के लिए जामा मस्जिद आए हैं। यहां इफ़्तार करने की उनकी दिली तमन्ना थी। वहअपने चार दोस्तों के साथ इफ़्तारी का सामान भी लाए जिनमें खजूर, फल और कुछ पकौड़े शामिलथे।
अलतमश के लिए ये एक बेहद खूबसूरत अनुभव रहा, क्योंकि मस्जिद पूरी तरह से भरी हुई थी औरलोगों ने एक दूसरे के साथ मिल बांट कर रोज़ा खोला।
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