Delhi दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार के गठनको लेकर 2013 में जिस रामलीला मैदान में आम आदमी पार्टी के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल ने अपनी पारी की शुरुआत की थी वहीं से 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी भी शुरुआतकरने जा रही है। भले ही आम आदमी पार्टी ने उस समय कांग्रेस से सत्ता छीनी थी लेकिन भाजपाअब उसका जवाब देगी। कांग्रेस बदलाव को लेकर अंदर-अंदर खुश नजर आ रही है, उसे लग रहा हैकी आम आदमी पार्टी का राजनीतिक रूप से समापन होने के बाद ही उनकी नई पारी शुरू होगी।

Delhi शपथ ग्रहण समारोह
इसलिए वह भी भाजपा पर ज्यादा फिलहाल ज्यादा आक्रमण नहीं कर रही है। जिस रामलीला मैदानमें एक आंदोलन के जरिए अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की नींव रखी थी, अब उसी रामलीला मैदान में भारतीय जनता पार्टी लंबे समय बाद शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों में जुटी है।साल 2011 दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव लेकर आया था। अन्ना हजारे के नेतृत्व में जनलोकपाल विधेयक के निर्माण के लिए हुए आंदोलन ने एक राजनीतिक पार्टी को जन्म दिया। उससमय अरविंद केजरीवाल अन्ना हजारे के साथ थे, हालांकि अन्ना का इरादा कभी राजनीति में उतरनेका नहीं था।
आम आदमी पार्टी का गठन अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलनसे जुड़े सहयोगीयो द्वारा 26 नवंबर 2012 को किया गया था। पिछले 13 सालों में ‘आप’ नेराजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। शुरुआत में इस पार्टी में काफी एकता थी, लेकिन फिर कुमारविश्वास और किरण बेदी जैसे नेताओं ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ दिया। अरविंद केजरीवालका जादू फिर भी राजधानी में बरकरार रहा और उन्हें दिल्ली की जनता का भरपूर प्यार मिला।केजरीवालपहली बार 2013 में सीएम की कुर्सी पर बैठे।
ये सरकार कांग्रेस के सहयोग के कारण बनीथी और इसी वजह से 49 दिन के भीतर केजरीवाल को त्यागपत्र सौंपना पड़ा। दो सालों तक दिल्लीकी जनता के बीच जाकर प्रचार करने और उनका भरोसा जीतने के बाद 2015 विधानसभा चुनाव मेंआम आदमी पार्टी ने 70 सीटों में से 67 सीटों पर शानदार जीत हासिल की। उस समय राजधानी मेंआप’ और केजरीवाल की जबरदस्त आंधी देखने को मिली थी। केजरीवाल इस बार पूरी ताकत केसाथ सीएम की गद्दी पर बैठे।
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