अमेठी में इलाज में कथित लापरवाही के चलते एक महिला की
मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने और सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के
अभाव के विरोध में कांग्रेस नेता और विधान परिषद के पूर्व सदस्य दीपक सिंह ने सोमवार को मुख्य
चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के कार्यालय पर धरना दिया तथा अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया
है।
गौरीगंज से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी संजय गांधी अस्पताल पर कार्रवाई की
निंदा की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल खोले जाने और सरकारी अस्पतालों में
चिकित्सा सुविधाओं के बहाल होने तक उनका सत्याग्रह और धरना जारी रहेगा। धरने में कांग्रेस के
जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल सहित पार्टी के कई स्थानीय नेता व कार्यकर्ता शामिल हैं।
धरना स्थल पर दीपक सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया ”भाजपा सरकार ने ईर्ष्यावश संजय
गांधी अस्पताल को बंद कर दिया, पर अपने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की। अस्पताल
खुलने, उनकी व्यवस्था में सुधार, डॉक्टर और स्टाफ की तैनाती किए जाने तक अमेठी बचाओ संघर्ष
समिति के बैनर तले सीएमओ आफिस पर हमारा अनिश्चितकालीन सत्याग्रह धरना जारी रहेगा।”
उन्होंने कहा ”संजय गांधी अस्पताल बंद कर दिया गया, जबकि सरकारी जिला अस्पताल से लेकर
सीएचसी, पीएचसी में डॉक्टर और स्टाफ न के बराबर हैं। जांच की मशीनें नहीं है, अगर मशीन है तो
ऑपरेटर नहीं हैं। ऐसे में संजय गांधी अस्पताल को बंद कर अमेठी के आम गरीब इंसान को इलाज के
अभाव में मरने के लिए छोड़ दिया गया है।”
संजय गांधी अस्पताल का संचालन संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा किया जाता है। कांग्रेस की
पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं, तथा पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके
सदस्य हैं। इस अस्पताल की आधारशिला एक सितंबर 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने
रखी थी, और 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसका लोकार्पण किया था। तबसे यह
अस्पताल निरंतर अपनी सेवाएं दे रहा था।
अमेठी के राम शाहपुर की महिला मरीज दिव्य शुक्ला 14 सितंबर को पथरी के ऑपरेशन के लिए इस
अस्पताल में भर्ती हुई और उसकी मौत के बाद अस्पताल विवादों में आ गया। दिव्या के पति अनुज
शुक्ला का आरोप है कि उसकी पत्नी को अधिक मात्रा में एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) दिया गया,
जिससे उसकी हालत बिगड़ी और अंतत मौत हो गई। इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हुई। दिव्या की
मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पंजीकरण निलंबित कर अस्पताल को बंद कर दिया।
गौरीगंज से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने अस्पताल में ताला बंद किये जाने की
सोमवार को कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि दलीय भावना से ऊपर उठकर अस्पताल को देखना
चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के तमाम बच्चे इस अस्पताल में नर्सिंग और पैरामेडिकल के कोर्स कर रहे
हैं तथा लोगों को इलाज की सुविधा मिलती थी। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए अस्पताल को बंद किया
जाना जनहित के खिलाफ है।