कांग्रेस का Government ‘सरकार’ पर हमला: 5000 स्कूलों के विलय के खिलाफ यूपी में जोरदार प्रदर्शन

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कांग्रेस का Government ‘सरकार’ पर हमला: 5000 स्कूलों के विलय के खिलाफ यूपी में जोरदार प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर:

उत्तर प्रदेश  Government सरकार द्वारा 5000 प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों को मर्ज करने के विवादास्पद निर्णय के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर में राजनीतिक पारा चढ़ गया है। आज, जिला कांग्रेस कमेटी गौतमबुद्ध नगर ने इस “छात्र, अभिभावक व शिक्षक विरोधी” फैसले के विरोध में जिला मुख्यालय सूरजपुर पर जोरदार प्रदर्शन किया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने “गूँगी बहरी सरकार” को जगाने के लिए हुंकार भरी और आरोप लगाया कि यह निर्णय युवाओं, छात्रों और बेरोजगारों के हितों के पूरी तरह विपरीत है।

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कांग्रेस का  ‘सरकार’ पर हमला

कांग्रेस का आरोप:  Government “सरकार युवाओं को प्रताड़ित कर रही है”

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष दीपक भाटी चोटीवाला ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि योगी सरकार युवाओं, छात्रों और बेरोजगारों के प्रति पूरी तरह से उदासीन रवैया अपनाए हुए है और उन्हें हर तरह से प्रताड़ित करने का “कुत्सित प्रयास” कर रही है।

भाटी ने जोर देकर कहा कि स्कूलों को मर्ज करने का यह निर्णय पूरी तरह से युवा, छात्र और बेरोजगार विरोधी है, जिसके व्यापक दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। दीपक भाटी चोटीवाला ने विस्तार से बताया कि इस निर्णय से सुदूर गांव के बच्चों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्हें शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ेगा, जिससे न केवल छात्रों को, बल्कि उनके अभिभावकों को भी काफी दिक्कतें आएंगी।

स्कूल मर्ज होने से आने-जाने की परेशानी, सुरक्षा संबंधी चिंताएं और शिक्षा तक पहुंच में बाधाएं उत्पन्न होंगी।इसके साथ ही, उन्होंने मिड डे मील योजना के तहत स्कूलों में खाना बनाने वाले कामगारों की नौकरी पर भी संकट आने की आशंका जताई। उनके मुताबिक, स्कूलों के विलय से इन कामगारों की आजीविका पर “तलवार चलनी तय है”, जिससे बेरोजगारी और बढ़ेगी।

 

B.Ed, BTC धारकों के लिए रोजगार का संकट

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बीएड और बीटीसी डिग्रीधारी युवाओं के भविष्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि स्कूलों के मर्जर से नए शिक्षकों की आवश्यकता कम होगी, जिससे इन डिग्रीधारियों के लिए नौकरी की दिक्कतें खड़ी होंगी।

दीपक भाटी चोटीवाला ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम हर तरीके से युवाओं, छात्रों और बेरोजगार नौजवानों के हितों के खिलाफ है। कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय की “घोर भर्तस्ना” करते हुए युवाओं, छात्रों और बेरोजगारों के व्यापक हितों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया है। यह प्रदर्शन उसी संघर्ष की पहली कड़ी है।

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मुख्यालय सूरजपुर पर जोरदार प्रदर्शन

“कांग्रेस Government सरकार बनने पर वापस होंगे अलोकतांत्रिक निर्णय”

पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने इस प्रदर्शन के दौरान भविष्य की राजनीति पर भी रोशनी डाली। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिस दिन उत्तर प्रदेश से यह वर्तमान सरकार विदा होगी और कांग्रेस पार्टी की Government सरकार बनेगी, ये सभी “अलोकतांत्रिक निर्णय” वापस लिए जाएंगे। यह बयान कांग्रेस के दीर्घकालिक एजेंडे और चुनावी रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वे वर्तमान सरकार के फैसलों को पलटकर जनता का विश्वास जीतने का प्रयास करेंगे।

संगठन प्रभारी एवं जिला उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए एक नारा बुलंद किया: “स्कूलों का मर्जर तो बहाना है, बेरोज़गारी को छिपाना है।

” उन्होंने कहा कि नए रोज़गार देना बंद करना ही सरकार का असली मकसद है। यह आरोप सरकार पर रोजगार सृजन में विफल रहने और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ऐसे कदम उठाने का संकेत देता है।

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राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन और प्रशासन को चेतावनी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के साथ ही अपनी मांगों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया। उपजिलाधिकारी वेद प्रकाश पांडेय ने कार्यकर्ताओं से ज्ञापन स्वीकार किया और आश्वस्त किया कि इस संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

यह ज्ञापन सरकार के शीर्ष स्तर तक अपनी बात पहुंचाने का एक संवैधानिक तरीका है, जिसके माध्यम से कांग्रेस इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहती है।

इस प्रदर्शन में जिला उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश शर्मा, आनंद शर्मा, पुनीत मावी, रिजवान चौधरी, श्रुति कुमारी, धरम सिंह बाल्मीकि, अशोक पंडित, देवेश चौधरी, किशन शर्मा, गौतम सिंह, निशा शर्मा, सतीश चंद्र, आर. के. प्रथम, तनवीर अहमद, नीरज लोहिया, चरण सिंह, राजकुमार शर्मा, नितीश चौधरी, अरुण भाटी, रमेश चंद्र यादव,

अरविंद रेक्सवाल, महकार सिंह, रमेश बाल्मीकि, सुबोध भट्ट, विपिन त्यागी, कैलाश बंसल, धीरे सिंह, अमित कुमार, मोहित भाटी एडवोकेट, के. के. भाटी एडवोकेट, अमित भाटी, रिंकू यादव, मनीष पांडेय, रामानुज तिवारी, उर्मिला चौधरी, हेमंत भाटी, बॉबी प्रधान, लोकेश, अजय यादव, जॉनी यादव, मनोज शर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। यह भागीदारी दर्शाती है कि कांग्रेस इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसे जनता के बीच एक बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है।

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