शहर में छठ पर्व की तैयारियां शुरू हो गईं। छह समितियों ने छठ घाटों
की साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया है। 17 नवंबर से चार दिवसीय छठ पूजा शुरू होगी। इसमें नहाय
खाय, खरना, डूबते हुए सूर्य और फिर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद
और छठ पूजा समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र मिश्रा ने कहा कि छठ पूजा महापर्व देश से लेकर विदेशों में
धूमधाम से मनाया जाता है।
इस बार 21वां छठ पूजा सेक्टर-82 पॉकेट-7 के सेंट्रल पार्क में मनाई
जाएगी। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। छठ व्रतियों की सुरक्षा और सुविधा पर विशेष ध्यान
दिया जाएगा। छठ कुंड में गंगाजल कि व्यवस्था और व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। छठ
घाट पर व्यवस्थाओं के लिए पत्र लिखकर प्राधिकरण से भी सहयोग मांगा गया है। वहीं, अखिल भारत
हिन्दू महासभा और अखिल भारतीय प्रवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि
17 नवंबर को कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू होगा। फिर
चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा। छठव्रती
और श्रद्धालु सुबह के समय सर्वप्रथम अपने घरों और आस-पास की सफाई करेंगे। स्नान करके छठव्रती
चावल, चना दाल और लौकी की सब्जी का प्रसाद बनाएंगे।
पूजा के उपरांत छठव्रती प्रसाद ग्रहण करेंगे
और घर के सभी सदस्यों व पड़ोसियों को प्रसाद वितरित करेंगे। इस दिन छठव्रती पूर्ण रूप से शुद्ध और
स्वच्छ होकर सूर्योपासना में समर्पित हो जाते हैं। उसके बाद उनका व्रत शुरू हो जाएगा। खरना से
छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास व्रत शुरू हो जाएगा। इस 36 घंटे के उपवास में छठव्रती पानी
भी ग्रहण नहीं करते हैं।