बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गरमाए Chirag Paswan चिराग पासवान: सरकार पर बोला तीखा हमला और ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का संकल्प
बिहार के राजनीतिक गलियारों में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज़ हो गई है। सभी राजनीतिक दल चुनावी रण में अपनी विजय सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुके हैं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
इसी गहमागहमी के बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री Chirag Paswan चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर में ‘बहुजन भीम संकल्प समागम’ को संबोधित करते हुए मौजूदा सरकार और विपक्षी गठबंधन, इंडिया गठबंधन, पर सीधा और तीखा हमला बोला है।

Chirag Paswan चिराग पासवान ने रविवार को आयोजित इस जनसभा में अपने राजनीतिक इरादों को स्पष्ट करते हुए कहा कि कई लोग उनके बिहार आने और चुनाव लड़ने की संभावना से घबराए हुए हैं।
उन्होंने बेबाकी से कहा, “मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं बिहार के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं ताकि ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का मेरा सपना साकार हो सके।” यह बयान Chirag Paswan चिराग पासवान की बिहार की राजनीति में अपनी पैठ को और मजबूत करने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, विशेषकर आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में। उनका ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा उनकी राजनीतिक विचारधारा और राज्य के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है।
कांग्रेस सरकार के आपातकाल और इंडिया गठबंधन पर चिराग का निशाना
अपने संबोधन के दौरान, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान Chirag Paswan ने लोगों से इंडिया गठबंधन के प्रति सचेत रहने का आग्रह किया। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया, “वे विधानसभा चुनावों से पहले फिर से वही चाल चलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आपको याद रखना चाहिए कि संविधान पर सबसे बुरा हमला आपातकाल के दौरान हुआ था, जब कांग्रेस सत्ता में थी और अनगिनत युवाओं, जिनमें ज्यादातर दलित, अल्पसंख्यक और ओबीसी थे, की जबरन नसबंदी कर दी गई थी।”
Chirag Paswan पासवान ने आगे कहा कि “आज कांग्रेस और उसके सहयोगी दल पटना में एक रैली में भाग लेकर खुद को अल्पसंख्यकों के मसीहा के रूप में पेश करने की कोशिश में व्यस्त हैं, जहां वे वक्फ अधिनियम का विरोध कर रहे हैं, जो गरीब मुसलमानों के लाभ के लिए लाया गया था। उनसे तुर्कमान गेट नरसंहार के बारे में पूछा जाना चाहिए।” Chirag Paswan चिराग पासवान का यह बयान कांग्रेस के अतीत को कुरेदने और वर्तमान में अल्पसंख्यकों के प्रति उनके रुख पर सवाल उठाने का एक प्रयास है। उन्होंने वक्फ अधिनियम के विरोध को भी अल्पसंख्यकों के हित के खिलाफ बताया, जिससे कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर दबाव बढ़ सके।
तेजस्वी यादव और आरक्षण पर Chirag Paswan / चिराग पासवान का स्पष्टीकरण
चुनावी दौड़ नजदीक है, ऐसे में पार्टियों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना स्वाभाविक है। इसी कड़ी में, चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला। उन्होंने तेजस्वी यादव पर “केवल सत्ता के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन” करने का आरोप लगाते हुए चुनौती दी कि वे “आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों के लिए राहुल गांधी से माफी की मांग करें, जिसके पीड़ितों में उनके अपने पिता (आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद) भी शामिल हैं।” यह बयान लालू प्रसाद यादव की आपातकाल के दौरान की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव को कांग्रेस के साथ उनके गठबंधन के लिए घेरने का एक प्रयास है।
आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर, चिराग पासवान ने विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन किया। उन्होंने कहा, “विपक्ष लगातार झूठ बोल रहा है कि आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा। मैं आपको गारंटी देता हूं कि जब तक Chirag Paswan चिराग पासवान जीवित हैं, ऐसा नहीं होगा।” यह बयान दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच अपनी स्वीकार्यता बनाए रखने और उन्हें आश्वस्त करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, क्योंकि आरक्षण का मुद्दा बिहार की राजनीति में हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है। Chirag Paswan चिराग पासवान ने खुद को इन वर्गों के हितों के संरक्षक के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की।
आगामी चुनाव और चिराग की रणनीति
Chirag Paswan चिराग पासवान के ये बयान बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उनकी आक्रामक रणनीति का हिस्सा हैं। वे एक तरफ जहां नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन और विशेष रूप से कांग्रेस के अतीत को उजागर कर रहे हैं। उनका ध्यान दलितों, अल्पसंख्यकों और ओबीसी मतदाताओं पर केंद्रित है, जिन्हें वे अपने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के एजेंडे के माध्यम से आकर्षित करना चाहते हैं।
राजगीर में दिया गया उनका संबोधन न केवल उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है, बल्कि बिहार की राजनीति में उनके बढ़ते प्रभाव का भी संकेत है। Chirag Paswan चिराग पासवान ने स्पष्ट कर दिया है कि वे केवल एक सहयोगी दल बनकर नहीं रहना चाहते, बल्कि बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाना चाहते हैं। आगामी महीनों में, बिहार में राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ेगी, और चिराग पासवान के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरेगी। उनके बयान आगामी चुनावों में कई राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं और बिहार की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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