बारिश से धंसी सड़क, गड्ढे में फंसी कार

जबकि दो राहगीर इसमें गिर गये। हालांकि दोनों को किसी प्रकार की चोट नहीं
आयी है।

वहीं कार को जैसे-तैसे बाहर निकाला गया। इसके बाद से दोनों तरफ से बैरिकेटिंग करने के
बाद यातायात को रोक दिया।

इसके बाद कार का निकाला गया। इस पूरे मामले में पीडब्ल्यूडी और नगर
विकास की लापरवाही कहीं जा सकती है। चूंकि इधर सड़क बनती नहीं और दूसरी तरफ जरा सी बारिश
होने पर उखड़ने लगती है।


स्थानीय निवासियों के अनुसार रविवार दोपहर विकास नगर थाना क्षेत्र सेक्टर 3-5के बीच चौराहे पर
स्थित यदुवंश मेडिकल स्टोर के सामने 40फिट की सड़क देखते ही देखते खाई नुमा गड्ढे में तब्दील हो
गई। इस दौरान एक कार इस गड्ढे में जा लटकी जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगो ने
मामले की सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने कड़ी मशक्क्त के बाद गड्ढे से कार को निकलने
में कामियाबी हासिल की।


नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से इस विषय पर बातचीत करने का बहुत प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने
मामले की गंभीरता को नजर अंदाज कर दिया। उनकी इस लचरता ने एक बात तो साबित कर दी की
गलतियां उनके विभाग द्धारा की जा रही है। लेकिन जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता है। फिलहाल जब

मामले ने तूल पकड़ लिया तो नगर निगम के कर्मचारियों द्धारा मौके पर पहुंचकर उसके चारों और बांस
की फटियों से बैरिकेटिंग की गई।


इसके बाद मामले में विकास नगर सेक्टर 4 के अधिशासी अभियंता अनिरुद्ध भारती ने यह बयान जारी
किया की सड़क धंसने का जो मामला संज्ञान में आया है उसमें प्रथम दृष्टया इसका कारण क्षेत्र में बलुई
मिट्टी होना प्रतीत हो रहा है। स्थल को नगर आयुक्त एवं महाप्रबंधक जल कल विभाग के निदेर्शों से
सुएज ने बैरिकेड कर दिया है। और सीवर लाइन को ठीक करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।


हादसों के बाद भी नहीं जागे जिम्मेदार
आपको बताते चलें की बीते वर्ष में भी पांच जुलाई को आशियाना के स्मृति उपवन चौराहे पर भी ऐसा ही
मामला हुआ था जहां सड़क धंस जाने से एक बाइक सवार युवक अपने वाहन सहित गड्ढे में समां गया
था और युवक को गंभीर चोटें आई थी। वही गोलागंज में सुबह सड़क धंसने से एक कार उसमें आधी
समां गई।

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