Bihar में जहरीली शराब पीने से 10 और लोगों की मौत, मृतक संख्या बढ़कर 35 हुई

Bihar के सिवान और सारण जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराबपीने से 10 और लोगों की मौत हो गई, जिससे इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 35 होगई है।सारण रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) नीलेश कुमार ने शुक्रवार को बताया, “सिवान जिलेकी मगहर तथा औरिया पंचायतों में संदिग्ध अवैध शराब पीने से अब तक 28 लोगों की मौत होचुकी है। सारण जिले के मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर इलाके में भी सात लोगों की संदिग्ध अवैधशराब पीने से मौत हो गई है।’इस संदिग्ध शराब त्रासदी को लेकर प्रदेश में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

विपक्षी दलआठ साल से अधिक समय पहले नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और सेवन पर लगाएगए प्रतिबंध की प्रभावशीलता पर सवाल उठा रहे हैं।
दोनों जिलों के स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ‘अवैध शराब पीने’ के बाद लोगों की जान चली गई।स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर दावा किया कि दोनों जिलों के 25 सेअधिक लोग अभी भी सीवान, सारण और पटना के विभिन्न अस्पतालों में अपनी जिंदगी के लिएसंघर्ष कर रहे हैं।डीआईजी ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मौत का सही कारण पोस्टमार्टमरिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल पाएगा।अभी तक मृतकों और उपचाराधीन लोगों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है।

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दोनों जिलों में हुई घटनाओं के सिलसिले में पुलिस ने अब तक करीब 15 लोगों को गिरफ्तार कियाहै। घटना के बाद दोनों जिलों के प्रशासन ने मगहर, औरिया और इब्राहिमपुर क्षेत्रों के तीन चौकीदारोंको निलंबित कर दिया है।एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कम से कम पांच पुलिसकर्मियों को ‘कारण बताओ’
नोटिस जारी किया गया है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण में संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों कीजांच की प्रगति के बारे में बृहस्पतिवार को जानकारी ली थी।मुख्यमंत्री ने Bihar के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने और यहसुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ‘अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए’।


मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल और बिहारपुलिस के एडीजी (मद्य निषेध) को व्यक्तिगत रूप से उन क्षेत्रों का दौरा करने और मामले की गहनजांच करने का भी निर्देश दिया, जहां यह घटना हुई थी।इस घटना को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एकपोस्ट में लिखा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में हुई हालिया मौतों के लिए दोषीठहराया जाना चाहिए। यह एक सामूहिक हत्या है। शराबबंदी नीतीश सरकार के संस्थागत भ्रष्टाचारका एक उदाहरण है। शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है… लेकिन ऐसानहीं हो रहा है… शराबबंदी आज बिहार में सुपर फ्लॉप है।’’

उन्होंने आगे लिखा ‘‘सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के बीच नापाक गठजोड़ के कारणबिहार में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध शराब का काला बाजार पनप गया है। राज्यसरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, नकली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक है। उनकाहत्यारा कौन है? ’’घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा की बिहार इकाई के प्रमुख दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार कोसंवाददाताओं से कहा कि यह घटना बहुत दुखद है और इसके लिए जिम्मेदार लोग बहुत जल्द पकड़ेजाएंगे।उन्होंने कहा ‘‘राज्य में राजग सरकार शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।बिहार में जबतक शराब की बिक्री हुआ करती थी, तब तक महिलाओं के खिलाफ कई अपराध होतेथे। जो लोग राज्य में शराबबंदी हटाने की मांग कर रहे हैं, उनकी शराब माफिया से सांठगांठ है।’’

Bihar में जहरीली शराब पीने से 10 और लोगों की मौत, मृतक संख्या बढ़कर 35 हुई

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