केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर की पुण्यतिथि
पर आज उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया। गृहमंत्री ने सोमवार सुबह अपने एक्स हैंडल पर वीर सावरकर का
पुण्य स्मरण करते हुए उन्हें राष्ट्रभक्ति का एक ध्रुवतारा बताया।
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संदेश में लिखा, ‘भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को अपने विचार और दृढ़
संकल्प से मजबूती देने वाले वीर सावरकर जी को पुण्यतिथि पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि
अर्पित करता हूं।
सावरकर जी के जीवन का हर क्षण राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। देश को स्वतंत्र कराने
की उनकी अटल आकांक्षा को कालापानी की यातनाएँ भी डिगा नहीं पाई। अस्पृश्यता को देश के विकास
में सबसे बड़ी बाधा मानने वाले सावरकर जी ने अपने अविरल संघर्ष, ओजस्वी वाणी और कालजयी
विचारों से जन-जन को स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। स्वभाषा, स्वभूषा व स्वदेश के
लिए आजीवन संघर्ष करने वाले स्वातंत्र्यवीर का त्याग व राष्ट्रभक्ति आने वाली पीढ़ियों को ध्रुवतारे के
समान दिशा दिखाती रहेगी।’
उल्लेखनीय है कि 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के भगूर में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक
दामोदर सावरकर भारत के पहले ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्हें दो-दो आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई।
उन्हें अंदमान की जेल में रखा गया, जिसे काला पानी की सजा के तौर पर याद किया जाता है। वीर
सावरकर को वहां कोल्हू में बैल की जगह लगाकर कठोर यातनाएं दी गईं। इसके बाद भी उनका हौसला
कभी नहीं टूटा।
उन्होंने जेल की दीवार पर कोयले से ऐतिहासिक रचनाएं लिखीं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद
उन्होंने राजनीति से दूर रहकर स्वयं को समाज जागरण और पतितोद्धार के कार्यों में समर्पित कर दिया।
एक अधिवक्ता, क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, विचारक, लेखक, समाज सुधारक वीर सावरकर का 26
फरवरी, 1966 को निधन हो गया।