अहमदाबाद Ahmedabad प्लेन क्रैश: पायलट सुमीत सबरवार की मौत ने तोड़ा पिता से किया गया वादा, 242 लोगों की गई जान – एक राष्ट्र का सामूहिक दुख
अहमदाबाद,
गुजरात के अहमदाबाद Ahmedabad में हुए दिल दहला देने वाले प्लेन क्रैश ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह सिर्फ एक हवाई दुर्घटना नहीं, बल्कि 242 परिवारों के सपनों का टूटना और अनगिनत अपनों के बिछड़ने का दर्द बन गई है।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के इस भीषण हादसे में न सिर्फ विमान में सवार सभी यात्री और चालक दल के सदस्य अपनी जान गंवा बैठे, बल्कि इस त्रासदी ने कई ऐसी कहानियों को भी जन्म दिया है जो हर किसी की आंखें नम कर रही हैं।
इन्हीं में से एक कहानी है मुख्य पायलट सुमीत सबरवार की, जिनकी असामयिक मौत ने उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है, खासकर उनके बुजुर्ग पिता, जिनसे उन्होंने कुछ दिन पहले ही एक बेहद प्यारा वादा किया था।
एक वादा जो कभी पूरा न हो सका:

सुमीत सबरवार सिर्फ एक कुशल और मेहनती पायलट ही नहीं थीं, बल्कि एक समर्पित बेटी भी थीं। अपने पेशे के प्रति उनकी निष्ठा जितनी अटूट थी, उतनी ही गहरी थी उनके माता-पिता के प्रति उनकी लगन और प्रेम।
परिवार के सदस्यों और करीबियों के अनुसार, सुमीत ने हाल ही में अपने पिता से कहा था कि जैसे ही उनकी लंदन फ्लाइट की ड्यूटी खत्म होगी, वे घर लौटकर पिता के जन्मदिन पर एक खास सरप्राइज देंगी। उनकी योजना अपने पिता के लिए एक धार्मिक यात्रा की थी, शायद वैष्णो देवी की, जिसका जिक्र उनके पिता अब बार-बार करते हैं।
यह एक ऐसा वादा था जो एक बेटी ने अपने प्यारे पिता से किया था, एक ऐसा सपना जो दोनों ने मिलकर देखा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। किसे पता था कि यह अंतिम बार होगा जब वे एक-दूसरे से बात कर पाएंगे, और ये मुलाकात अब कभी नहीं हो पाएगी?
परिवार में मातम और अनमोल स्मृतियाँ:
सुमीत के परिवार में मातम का माहौल है। उनके घर में पसरा सन्नाटा और हवा में घुला दुख हर आने वाले को भावुक कर रहा है। उनके बुजुर्ग पिता बार-बार यही दोहराते सुने जा रहे हैं: “वो कहती थी पापा, इस बार आपको वैष्णो देवी लेकर जाऊंगी।
अब कौन ले जाएगा?” इन शब्दों में सिर्फ एक पिता का खोया हुआ बेटा या बेटी का दर्द नहीं है, बल्कि एक अधूरे सपने, एक अनमोल वादे और एक जीवन भर की उम्मीद के टूटने का दुख है।
सुमीत अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं। उनकी असमय मौत ने न केवल उनके माता-पिता से उनका सहारा छीन लिया है, बल्कि उनके भविष्य के सभी सपनों को भी एक झटके में तोड़ दिया है। जो घर कुछ दिन पहले तक खुशियों और हंसी से गूंजता था, आज वहां सिर्फ खामोशी और आंसू हैं।
एक राष्ट्र का सामूहिक दुख:
इस भयानक हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सुबह की शुरुआत में जैसे ही इस दिल दहला देने वाली खबर ने टेलीविजन और सोशल मीडिया पर अपनी जगह बनाई, हर कोई स्तब्ध रह गया। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित देश के कई प्रमुख नेताओं ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
शोक संदेशों की झड़ी लग गई है, हर कोई इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहा है। सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कदम उठाए हैं। DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और एयर इंडिया प्रबंधन ने इस भीषण हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
विशेषज्ञ टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया है ताकि दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। ‘ब्लैक बॉक्स’ की तलाश जारी है, जिससे महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
एक कुशल पायलट की अधूरी उड़ान:
सुमीत सबरवार न सिर्फ एक काबिल और पेशेवर पायलट थीं, बल्कि अपने माता-पिता के लिए एक उम्मीद की किरण भी थीं। उन्होंने अपने कौशल और मेहनत से आसमान में अपनी जगह बनाई थी, लेकिन उनकी उड़ान दुखद रूप से बीच में ही थम गई। उनके अधूरे वादे और असमय बिछड़ने की यह कहानी हर किसी की आंखें नम कर रही है।
यह त्रासदी केवल एक हवाई दुर्घटना नहीं है; यह उन 242 जिंदगियों का अंत है जिन्होंने अपने पीछे अनगिनत सपने, वादे और परिवार छोड़े हैं। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन कितना अनिश्चित है और हर पल कितना कीमती है।
इस दुख की घड़ी में, पूरा देश पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है, उनके दर्द को महसूस कर रहा है और उन्हें हिम्मत देने की कोशिश कर रहा है। सुमीत सबरवार और इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोगों को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।
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