Azamgarh आजमगढ़ में तैयार हुआ 72 बिस्वा का नया आशियाना
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का Azamgarh आजमगढ़ में नया आवास जिले के अनवरगंज में बनकर तैयार हो गया है. यह जिला मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर 72 बिस्वा (लगभग 1.8 एकड़) में फैला हुआ है.
यह सिर्फ एक आवास नहीं, बल्कि एक कार्यालय भी है, जहाँ से अखिलेश यादव पूर्वांचल की राजनीति पर अपनी पकड़ मजबूत करेंगे. इस नए ठिकाने के निर्माण की निगरानी Azamgarh आजमगढ़ से लोकसभा सांसद धर्मेंद्र यादव के साथ-साथ पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी कर रहे हैं.

धर्मेंद्र यादव ने Azamgarh आजमगढ़ में डाला डेरा
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने अपने बड़े भाई अखिलेश यादव के आगमन को लेकर Azamgarh आजमगढ़ में डेरा डाल दिया है. अखिलेश यादव 3 जुलाई को जिले के दौरे पर आ रहे हैं, जहाँ वे इस नए ठिकाने का शुभारंभ करेंगे और कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे. उनके आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं.
Azamgarh आजमगढ़ लोकसभा सीट सपा के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रही है. 2014 में मुलायम सिंह यादव इस सीट से चुनाव जीते थे, जिसके बाद 2019 में अखिलेश यादव ने यहां से जीत हासिल की. वर्तमान में, अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव 2024 में आजमगढ़ से सांसद हैं, जो इस सीट को सपा की परंपरागत सीट के रूप में और मजबूत करता है.
“इटावा दिल है तो Azamgarh आजमगढ़ धड़कन”
सपा के नेता Azamgarh आजमगढ़ से एक गहरा भावनात्मक संबंध साझा करते हैं. चाहे वह मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव या वर्तमान सांसद धर्मेंद्र यादव हों, सभी ने अपनी जनसभाओं में इस बात का जिक्र किया है कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) कहा करते थे कि इटावा दिल है तो आजमगढ़ धड़कन है. जिले की जनता ने जिस तरह से सपा को एकतरफा जीत दिलाई है, उससे समाजवादी पार्टी भी अंदर से काफी संतुष्ट है.
इसका प्रमाण 2022 के विधानसभा चुनावों में भी मिला, जब पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर होने के बावजूद, Azamgarh आजमगढ़ की सभी 10 विधानसभा सीटें सपा की झोली में गईं. इसी तरह, 2024 के लोकसभा चुनावों में, आजमगढ़ जिले की Azamgarh आजमगढ़ और लालगंज लोकसभा सीटों पर सपा प्रत्याशी को ही विजय मिली.
पूर्वांचल को साधने की रणनीति
सपा अपने इस गढ़ की मजबूती से पहरेदारी कर अपने किले को और मजबूत करना चाहती है. Azamgarh आजमगढ़ से सपा पूरे पूर्वांचल की सीटों को साधने की कोशिश करेगी. राजधानी लखनऊ से अखिलेश यादव मध्यांचल की मॉनिटरिंग करते रहे हैं, और सैफई से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर नजर रखी जाती रही है. लेकिन पूर्वांचल अभी तक अछूता रह जा रहा था.
इस कमी को पूरा करने के लिए सपा ने अपने पुराने गढ़ Azamgarh आजमगढ़ को चुना है, ताकि यहीं से पूरे पूर्वांचल की सीटों पर मजबूत पकड़ बनाई जा सके.यह नया ठिकाना अखिलेश यादव की 2027 की चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उन्हें पूर्वांचल में पार्टी की उपस्थिति और प्रभाव को बढ़ाने में मदद करेगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति 2027 के चुनावों में सपा के लिए कितनी कारगर साबित होती है.
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