मध्यप्रदेश के हरदा जिला मुख्यालय पर पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग और
सिलसिलेवार विस्फोट के कारण हुए हादसे में अब तक कुल 12 लोगों की मृत्यु हुयी है और दो सौ से
अधिक के घायल हुए हैं। हादसे के दूसरे दिन आज सुबह से फिर घटनास्थल पर मलबा हटाने का कार्य
प्रारंभ कर दिया गया है।
फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल के अलावा सोमेश अग्रवाल और एक कर्मचारी
रफीक को कल रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया। इनके खिलाफ यहां सिविल लाइन थाने में विभिन्न
धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है।
इस बीच मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज दिन में यहां आएंगे और घटनास्थल का अवलोकन कर पीड़ितों
से मुलाकात करेंगे। सुबह से मलबा हटाने के दौरान कुछ शव पूरी तरह जले हुए मिले हैं। हालाकि इस
संबंध में अब तक प्रशासन की ओर से आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गयी है। घटनास्थल पर
मलबा, वाहन और अन्य सामान पूरी तरह जली हुई स्थिति में मिले हैं। जिस भवन में पटाखा फैक्ट्री थी,
वह तीन से चार मंजिला बना हुआ था और इसी के पास दो गाेदाम भी थे। इसके अलावा फैक्ट्री में कार्य
करने वाले श्रमिकों के लिए आसपास रहवासी स्थान बनाए गए थे। यह फैक्ट्री राज्य के अलावा अन्य
राज्यों में भी पटाखा भेजने का कार्य करती थी।
सूत्रों का कहना है कि कई घंटों तक भीषण विस्फोटों के कारण भवन का मलबा कई मीटर दूर तक फिका
है। इस वजह से सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। घायलों को हरदा के अलावा नर्मदापुरम, भोपाल और इंदौर के
अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अब आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन मलबा हटाने का कार्य
जेसीबी मशीनों और अन्य उपकरणों की मदद से किया जा रहा है। अब तक कुल 12 लोगों के मरने की
पुष्टि की गयी है। हालाकि अब भी मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका से इंकार नहीं किया
गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज दिन में हरदा आकर पीड़ितों एवं उनके परिवारजन से मुलाक़ात करेंगे। इसके
पहले उन्होंने कल इस मामले को लेकर आपातकालीन बैठक कर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
करने के निर्देश दिए। घटनास्थल पर पुलिस बल लगातार उपस्थित है। प्रशासन ने घटनास्थल तक
अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।
हरदा के बैरागढ़ क्षेत्र में कथित तौर पर अवैध रूप से संचालित पटाखा फैैक्ट्री में कल सुबह लगभग साढ़े
ग्यारह बजे विस्फोट के बाद भीषण आग लग गयी थी। आग लगने या विस्फोट होने का कारण अब तक
साफ नहीं हो सका है। भीषण और सिलसिलेवार विस्फोटों के कारण आसपास के कई किलोमीटर क्षेत्र में
कंपन महसूस हुए। आसमान में धुएं के गुबार छा गए। घटनास्थल के आसपास के क्षेत्रों में भगदड़ की
स्थिति बन गयी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने भोपाल से
ही राहत एवं बचाव कार्य की कमान संभाल ली थी। हरदा के अलावा आसपास के जिलों से एंबूलेंस और
दमकल वाहन यहां बुलाए गए थे।