Noida, नए scrapping center के लिए जिले के 1.73 लाख Vehicle अपनी बारी काइंतजार कर रहे हैं। यह वे वाहन हैं जो अपना निर्धारित समय पूरा कर चुके हैं। इनमें 10 वर्ष कीआयु पुरी कर चुके डीजल के 1.36 लाख वाहन हैं। वहीं 15 वर्ष की आयु पूरी करने वाले करीब 47हजार Vehicle भी इसमें शामिल हैं। अहम है कि जिले में केवल दो scrapping center होने की वजह से इनVehicle को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है।

बता दें कि एनजीटी के नियम के अनुसार निर्धारित समय पूरा कर चुके डीजल व पेट्रोल वाहनएनसीआर में संचालित नहीं हो सकते हैं। ऐसे में Vehicle मालिकों को इन्हें या तो स्क्रैप कराना होगाया ऐसे जिलों व राज्यों में ट्रांसफर कराकर ले जाना होगा, जहां पर एनजीटी का नियम लागू न होताहो। विभाग के अनुसार, जिले के ज्यादातर वाहन स्वामी अपने Vehicle किसी अन्य जिले में भेजने केबजाय उन्हें स्क्रैप कराने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
scrapping center
आंकड़ों के अनुसार, एक माह में ऐसे 300 वाहनोंको ही लोग ट्रांसफर कराकर अन्य जिलों में ले जा रहे हैं, लेकिन स्क्रैप कराने वालों की संख्या साढ़ेछह हजार है।जिले में केवल दो ही स्क्रैपिंग सेंटर सेक्टर- 80 में मारुति सुजुकी टोसासू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड केनाम से और ग्रेटर नोएडा के इकोटेक एक में महिंद्रा एसएसटीसी रिसाइकलिंग प्राइवेट लिमिटेड के
नाम से संचालित हो रहे हैं।
ऐसे में इन पर काम अधिक होने के चलते ये वाहन अब भी लाइन मेंही हैं। इनमें कई सरकारी Vehicle भी शामिल हैं जो अपने-अपने विभागीय कार्यालयों के ही किसी कोनेमें खड़े धूल फांक रहे हैं।इंतजार में हैं 60 हजार वाहनस्क्रैप कराने वाले Vehicle की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
60 हजार वाहन ऐसे हैं, जिनका अबतक पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है और यह वाहन स्क्रैप होने के लिए एकदम तैयार हैं लेकिनक्षमता कम होने के कारण इनका नंबर नहीं आ पा रहा है।scrapping center के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया है, उनकी जानकारी लखनऊ मुख्यालय में भेजीगई है।
जल्द ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यालय स्तर से ही इसके लिए कवायदें तेजहैं।
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