दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष व पूर्व महापौर राजा इक़बाल
सिंह ने आज बताया कि दिल्ली सरकार के सर्वोदय विद्यालय में 70 बच्चे मिड डे मील खाकर बीमार हो
गए, ये घटना आम आदमी पार्टी के शिक्षा मॉडल की पोल खोलती है। दिल्ली सरकार के विद्यालय में
हुई ये घटना काफ़ी दुखदायी है और ये दर्शाती है कि दिल्ली सरकार के विद्यालयों में किस तरह का मिड
डे मील बच्चों को दिया जाता है।
नगर निगम के नारायणा विद्यालय में भी इसी तरह की घटना
सामने आयी थी जहाँ बच्चे मिड डे मील खाकर बीमार पड़ गए थे मगर आम आदमी पार्टी ने इस घटना
को गैस रिसाव का नाम देकर पल्ला झाड़ लिया।
उन्होंने बताया कि निगम के नारायणा विद्यालय में हुई
घटना की जाँच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, इसे तुरंत सार्वजनिक करना चाहिए ताकि
नागरिकों को भी पता चले कि बच्चे गैस रिसाव से बीमार हुए थे या मिड डे मिल खाने से।
श्री सिंह ने बताया कि जब से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम में सत्ता सँभाली है तब से निगम
विद्यालयों में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को पहले
स्टेशनरी, यूनिफॉर्म वह अन्य वस्तुओं के लिए 1100 रुपया प्रति छात्र दिया जाता था जिसे आम आदमी
पार्टी ने घटा दिया।
उन्होंने बताया कि इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी
इस तरह का शिक्षा मॉडल दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में लागू करना चाहती है। उन्होंने बताया
कि भारतीय जनता पार्टी के समय निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलने वाली सुविधाएँ जैसे
की स्टेशनरी, यूनीफॉर्म मैं कभी कटौती नहीं की गई बल्कि छात्रों को और बेहतर सुविधाएँ देने के लिए
कार्य किया गया।
राजा इक़बाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में भी दिल्ली
सरकार का शिक्षा मॉडल लागू करने के नाम पर नागरिकों को बेवक़ूफ़ बनाना चाहती है। उन्होंने बताया
कि आम आदमी पार्टी ये बताए कि निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के विकास के लिए क्या क्या
क़दम अभी तक उन्होंने उठाए ताकि नागरिकों को भी इनके शिक्षा मॉडल की सचाई पता चल सके।
उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के निगम में सत्ता संभालते ही दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में
शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने छात्रों को मिलने वाली
सुविधाओं को भी घटा दिया है। श्री राजा इक़बाल सिंह ने आम आदमी पार्टी की महापौर से निगम छात्रों
को मिलने वाली सहायता राशि को फिर से 1100 रुपये प्रति छात्र करने की माँग की ताकि छात्र अच्छे
से शिक्षा ग्रहण कर सके।